आज भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख स्तंभअमर शहीद राजगुरु की जन्मजयंती है। इनका जन्म वर्ष 1908 में पुणे के पास खेड़ ज़िले में हुआ था, अब इस ज़िले का नाम इन्ही के नाम यानि कि राजगुरु नगर कर दिया गया है।
इनकी जन्मजयंती के इस पावन अवसर पर आज मैं आपको उनको पैतृक निवास, जो की महाराष्ट्र के पुणे से मात्र 44 किलोमीटर की दूरी पर है, वहां ले कर चल रहा हूँ. 22 वर्ष की अल्पायु में अपने प्रिय मित्रों भगत सिंह और सुखदेव के साथ 23 मार्च 1931 को माँ भारती के लिए हँसते हँसते फांसी के फंदे पर झूल गए थे।
आइए इनके पैतृक निवास पर बने इस संग्रहालय के दर्शन करें और इस हुतात्मा को अपनी श्रधांजलि अर्पित करें। जय हिंद। जय भारत।