स्वामी विवेकानंद जी की जन्म जयंती, 12 जनवरी 1863 कलकत्ता।

आज स्वामी विवेकानंद जी की जन्म जयंती है, उनका जन्म आज ही के दिन यानि की 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में हुआ। इस दिन को हम “राष्ट्रीय युवा दिवस” के रूप में मनाते हैं। स्वामी विवेकानंद अत्यंत विलक्षण बुद्धि के स्वामी थे, जिन्होंने विश्व को हिन्दू व भारतीय दर्शन से परिचित करवा इसका लोहा मनवा दिया। भारत के इतिहास में चाणक्य के बाद मुझे स्वामी विवेकानंद ही सदा से आकर्षित करते रहे हैं।

ये बात वर्ष 1998 यानि की 22 वर्ष पुरानी, जब मैं कलकत्ता जाने के लिए व्याकुल था। कलकत्ता शहर, विशेषकर, बेलूर मठ देखना मेरा मुख्य उद्देश्य था। इसके साथ ही हुबली तट पर बने माँ काली के प्रसिद्ध मंदिर दक्षिणेश्वर काली जाना किसी स्वप्न से कम नही था। कारण, केवल मेरा हिन्दू होना नही था, बल्कि स्वामी विवेकानंद जी थे जो इन दो मुख्य स्थानों से आजीवन जुड़े रहे। यही वो दो स्थान हैं जहां उन्हें ईश्वर से मिलन की राह मिली और साथ ही उस यात्रा का अनुभव हुआ जो मानव को मानवता की राह पर ले जाती है, मानव जन्म लेने का सही मायनों में अर्थ क्या होता है, इसका अनुभव उनको यहीं हुआ।

विवेकानंद महामानव थे, ये कहना अतिशयोक्ति नही होगा। 4 जुलाई 1902 को मात्र उनतालीस वर्ष की आयु में उनका देहवासन हो गया और उनका अंतिम संस्कार भी बेलूर मठ में ही किया गया।

मैं स्वयम को सौभाग्यशाली मानता हूँ की मुझे इन दोनों स्थानों पर एक से ज्यादा बार जाने का अवसर मिला है। आज के युवाओं को विवेकानंद जी की शिक्षाओं को अवश्य पढ़ना चाहिए ताकि उन्हें पता चला हमारी संस्कृति व हमारे इतिहास बहुत कुछ ऐसा है जिस पर गर्व किया जा सके।

इस पुण्य आत्मा को शत शत नमन।

जय हिन्द, जय भारत।

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