लेफ्टिनेंट कर्नल ए.बी. तारापोर

आज समय है लेफ्टिनेंट कर्नल ए.बी. तारापोर को याद करने का उनको श्रधांजलि देने का, जिन्होंने अपने साहस और शौर्य के दम पर 1965 में भारत ने पाकिस्तान के छक्के छुड़ा दिए। आज ही के दिन उन्होंने भारतीय सेना की उच्चतम परंपराओं के अनुरूप दुश्मन से लड़ते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था।

17 पुणे हार्स के तारापोर को 11 सितंबर, 1965 को फिल्लौरा पर कब्ज़ा करने का आदेश मिला । पाकिस्तान के सियालकोट क्षेत्र के फिल्लौरा में छविंद के युद्ध मे अपने सेंचूरियन टैंक पर सवार होकर उन्होंने दुश्मन का सामना बड़ी वीरता से किया। अपने ज़ख्मो की परवाह न करते हुए 14 सितंबर को जब तक कि भारत ने विजय प्राप्त नही कर ली, तब तक तारापोर लड़ते रहे और अंत में *उन्होंने आज ही के दिन यानि कि 16 सितंबर को देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दे दिया । उन्हें मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।* उन्होंने और उनके दल ने पाकिस्तान के कुल 60 टैंक मिट्टी में मिला दिए । तारापोर 42 वर्ष की आयु में ‘परमवीर चक्र’ पाने वाले सबसे वरिष्ठ थे।।

ऋणी राष्ट्र की ओर से इस शूरवीर को शत शत नमन।। जय हिंद।।

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