मर शहीद कैप्टेन अमित भारद्वाज को शत शत नमन

ज़रा याद करो कुर्बानी

आज यानि कि 17 मई 1999 को 4 जाट के कैप्टेन अमित भारद्वाज ने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दे कर सैन्य जीवन की परंपरा का निर्वाह किया। वो लापता हुए कैप्टेन सौरभ कालिया के दल को ढूंढने निकले थे।

कारगिल युद्ध में किसी सैन्य अधिकारी की ये पहली शहादत थी। पिछले वर्ष मुझे द्रास एवं कारगिल के बीच काकसर नामक स्थान से गुजरने का अवसर मिला जहां एक पुल का नाम इस वीर के नाम पर रखा हुआ है।

अमर शहीद कैप्टेन अमित भारद्वाज को ऋणी राष्ट्र का शत शत नमन। जय हिन्द।

#कारगिल के 20 वर्ष

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