कैप्टेन विजयंत थापर

आज ही के दिन यानि 29 जून 1999 को नोएडा के रहने वाले कैप्टेन विजयंत थापर कारगिल के युद्ध में शहीद हो गए थे।

कैप्टेन विजयंत थापर ने अत्यंत अतिसाधारण वीरता का प्रदर्शन करते हुए युद्ध भूमि में अपना सर्वोच्च न्यौछावर कर दिया। उन्हें वीर चक्र से सम्मानित किया गया था।

हर वर्ष जून जुलाई का महीना आते ही मुझे कारगिल युद्ध की यादें ताज़ा हो जाती हैं, यादें कम कह सकते हैं और टीस ज्यादा। दर्द अपने जवानों को खोने का, उन नौजवानों को खोने का जिन्होंने अभी जीवन में बहुत कुछ देखना था पर देश के गौरव के लिए सब कुछ कुर्बान कर दिया। उन सभी वीर जवानों की शहादत को मेरा और कृतज्ञ राष्ट्र का शत शत नमन।

पिछले वर्ष मुझे उनके कमरे में जाने का अवसर मिला जहां वो रहते थे। उनकी निजी वस्तुओं की तस्वीरें आप सभी के साथ सांझा कर रहा हूँ, शायद इसीलिए की आप कभी ये ना भूलें की वो भी किसी का बेटा था उसके भी कुछ अरमान थे, लेकिन राष्ट्र को सर्वोच्च मानते हुए उस शूरवीर ने अपनी जान देश पर न्योछावर कर दी। आज जरूरत है हम अपनी युवा पीढ़ी, अपने बच्चों को इन वीरों के बारे में बताएं उनके बलिदान को कभी भी विस्मृत न करें। पिछले दिनों पाठ्य पुस्तकों में भी विजयंत की वीरता पर एक चैप्टर लिखा गया है।

उनका घर का नाम रोबिन था। पिता, दादा और पड़दादा सभी फौज में थे। विजयंत को भी फौज में ही जाना था। आपको याद होगा जनवरी में मेरी पुस्तक देश भक्ति के पावन तीर्थ का विमोचन इस शूरवीर के माता पिता के हाथों हुआ था। ऐसे माता पिता को भी मेरा नमन जिन्होंने ऐसे शेर बेटे को जन्म दिया।

जय हिन्द, जय भारत।

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