आज एक ऐसे क्रांतिकारी की जन्म जयंती है, जिनका एक ही फ़लसफ़ा था “आज़ाद जिये हैं और आज़ाद ही मरेंगे” और वो मरते दम तक अंग्रेजों के हाथ नही आए, इस महान क्रांतिकारी का नाम था, चन्द्रशेखर आज़ाद इनका जन्म 23 जुलाई 1906 को पंडित सीताराम तिवारी और श्रीमती जगरानी देवी जी के यहाँ हुआ। भारत के क्रन्तिकारी आंदोलन के प्रमुख माने जाने वाले आज़ाद का बचपन का नाम चन्द्र शेखर तिवारी था।
अमर शहीद चन्द्र शेखर आज़ाद जी के जन्म मध्य प्रदेश के अलीराजपुर ज़िले के ग्राम भाबरा में हुआ था। मुझे भी वहां शीश नवाने का सौभाग्य मिला। यहाँ से नजदीकी रेलवे स्टेशन गुजरात का दाहोद है जो यहाँ से करीब 40 किलोमीटर दूर है। उनके सम्मान में भाबरा का नाम चन्द्र शेखर नगर कर दिया गया है।
ऐसी पावन धरती और ऐसे वीर सपूत को मेरा शत् शत् वंदन। जय हिन्द जय भारत।
ऋणी राष्ट्र की ओर से चन्द्र शेखर आज़ाद जी को शत शत नमन।