वो हर दिन विशेष हो जाता है जब किसी मंच से मुझे अपनी कोई रचना सुनाने का अवसर मिलता है, वो भी बच्चों को। आज साहित्य अकादमी ने “पुस्तकायन” बाल पुस्तक मेले के अंतर्गत बाल साहिती कार्यक्रम के अंतर्गत मुझे आमंत्रित किया। इस कार्यक्रम कई बच्चे शामिल हुए और उन्हें मैंने कारगिल युद्ध के वीर बलिदानी कैप्टेन अनुज नैय्यर की जीवन गाथा सुनाई। दिल्ली के रहने वाले कैप्टेन अनुज नैय्यर की पराक्रम गाथा सुन बच्चे जोश से भर गए और भाव विह्नल हो गए। मेरे अलावा कई विख्यात कवियों और कथाकारों ने अपनी कृतियाँ प्रस्तुत की जिनका बच्चों ने खूब आनंद लिया। स्कूली बच्चों को अपनी वीर गाथा सीरीज़ की चित्रावलियाँ भी भेंट की। दिल्ली में मुझे पहली बार देखने को मिला जब केवल बच्चों को केन्द्र में रख कर किसी साहित्यिक मेले का आयोजन किया गया। देश के सभी प्रमुख प्रकाशकों ने यहां स्टाल भी लगाए और विशेष छूट भी प्रदान की। इस मेले के सफ़लतापूर्ण तरीके आयोजन के लिए मैं साहित्य अकादमी और संस्कृति मंत्रालय को साधुवाद देता हूँ।