Major Shaitan Singh story in hindi | Battle of Rezang La | Sino-Indian War 1962
वहीं आज ही के दिन यानी कि 18 नवम्बर 1962 को एक नायक ऐसा भी था जिसने चीनी सेना के छक्के छुड़ा दिए थे, इस अमर बलिदानी का नाम था “मेजर शैतान सिंह”। उन्होंने अपने और अन्य 114 वीर अहीर, साथी सैनिकों के प्राणों को हाथ पर रख कर भारत माता को समर्पित कर दिया और चीन के 1310 सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया था। लद्दाख के चुशुल सेक्टर के रेज़ांगला में हुई इस अभूतपूर्व शौर्य गाथा को मैं आप तक एक वीडियो की शक्ल में ले कर आया हूँ, आशा है, इसे न केवल आप देखेंगे अपितु अपने बच्चों और आज की युवा पीढ़ी को भी दिखाएंगे ताकि वो भी अवगत हो सकें कि किस प्रकार असँख्य शूरवीरों ने हमारे देश की अस्मिता बचाने हेतु व हमारी स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए हंसते हंसते अपने प्राणों का बलिदान दे दिया था।
आज जहाँ एक ओर मेजर शैतान सिंह और उनके 114 साथियों का बलिदान दिवस है वहीं दूसरी ओर भगत सिंह के करीबी साथी रहे बटुकेश्वर दत्त की भी जन्म जयंती है। केन्द्रीय असेंबली में बम्ब फोड़ने के समय बटुकेश्वर और भगत सिंह साथ ही थे।
ऋणी राष्ट्र की ओर से इन महावीरों को शत शत नमन। हर उगते सूरज और ढलते दिन के साथ इन शहीदों को नमन करना हम सभी का कर्तव्य है।
जय हिंद।