भारतीय संस्कृति का परचम फहराने के लिए इस महान कर्मयोगी स्वामी विवेकानंद जी को शत शत नमन।

हिन्दू धर्म वैश्विक भाईचारे का प्रतीक है, यही एक ऐसा धर्म है जो अपनी प्रार्थना में कहता है “विश्व का कल्याण हो” एवं “प्राणियों में सदभावना हो”।

इसी हिन्दू धर्म दर्शन से विश्व का परिचय करवाने के लिए स्वामी विवेकानंद ने 128 वर्ष पूर्व आज ही के दिन, यानि की, 11 सितंबर 1893 को अमेरिका के शिकागो के विश्व धर्म सम्मेलन में अपने ओजस्वी व्याख्यान से समूचे विश्व से पधारे बुद्धिजीवियों को चकित कर दिया था। आज का दिन न केवल हिन्दू मतावलंबियों अपितु सम्पूर्ण भारत वासियों के लिए गौरवशाली है। स्वामी विवेकानंद का ये ऐतिहासिक ओजस्वी उद्बोधन छह मिनट तक चला पर इन छह मिनटों में विश्व ने भारतीय संस्कृति व हिंदुत्व पर दी गयी उनकी व्याख्या का लोहा मान लिया।

विश्व पटल पर वैभवपूर्ण भारतीय संस्कृति का परचम फहराने के लिए इस महान कर्मयोगी स्वामी विवेकानंद जी को शत शत नमन।

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