युद्ध के हीरो कैप्टेन अनुज नैय्यर वीरगति को प्राप्त, कैप्टेन अनुज नैय्यर को मरणोंपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया.

आज उगते सूरज के साथ समय है, नमन करने का कारगिल युद्ध के हीरो कैप्टेन अनुज नैय्यर को। इस शूरवीर का जन्म आज ही के दिन यानि की 28 अगस्त वर्ष 1975 को हुआ था।

इस रणबांकुरे को द्रास में मश्कोह घाटी के पॉइंट 4875 के पिम्पल काम्प्लेक्स पर तिरंगा फहराने का कार्य सौंपा गया। ऊंचे लंबे कद वाले अनुज के चेहरे पर सदा ही मुस्कान तैरती रहती थी।

17 जाट रेजिमेंट का ये अफसर दिल्ली के जनकपुरी इलाके के रहने वाले थे।

अनुज बचपन से ही अत्यंत वीर व साहसी थे। कारगिल युद्ध पर आने से कुछ दिन पहले ही उनकी सगाई हुई थी। युद्ध में कैप्टेन अनुज ने 9 पाकिस्तानी जवानों को मार कर और पाकिस्तान के तीन बंकरों को नष्ट कर के दुश्मन के खेमे में तहलका मचा दिया था। चौथे बंकर को नष्ट करते समय अनुज वीरगति को प्राप्त हो गए थे। कैप्टेन अनुज नैय्यर को मरणोंपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया.

मुझे उनकी माता जी श्रीमती मीना नैय्यर जी से मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है, आजकल वो पेट्रोल पंप को संभालतीं हैं जो भारत सरकार ने अनुज जी की शहादत पर उनके परिवार को आबंटित किया था।

उनके कक्ष में चारों और अनुज जी की तस्वीरें मानो ये बयां कर रहीं थी की अनुज बस वहीँ मौजूद हैं। महावीर पुत्र को जन्म देने वाली और देश प्रेम के जज्बातों को भरने वाली ऐसी माता जी के चरणस्पर्श करके मन को सुकून प्राप्त हुआ. उनकी शहादत को राष्ट्र कभी भूलेगा नहीं, शहीद अनुज नैय्यर की जन्म जयंती पर उन्हें शत शत वंदन।

जय हिन्द।

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