आज भारत के एक ऐसे वीर क्रांतिकारी का शहीदी दिवस है जिन्होंने मात्र 18 वर्ष 8 महीने की अल्पायु में ही, हाथ में भगवतगीता लेकर ‘वन्देमातरम’ कहते हुए, हंसते हंसते अपने प्राणों को भारत माता के चरणों में समर्पित कर दिया।
ख़ुदी राम बोस भारत के पहले क्रांतिकारी थे जिन्हें अंग्रेजी हुकूमत ने फांसी पर चढ़ा दिया था।
इनका जन्म 3 दिसंबर 1889 को हुआ।
आज के दिन यानि कि 11 अगस्त 1908 को बिहार के मुज़्ज़फरपुर की जेल में इस शूरवीर को अंग्रेजी सरकार ने फाँसी पर लटका दिया था।
ऋणी राष्ट्र की ओर से खुदीराम बोस को शत शत नमन।