आजादी की 73वीं वर्षगांठ चल रही है, आज यानि की 24 अगस्त को अमर शहीद राजगुरु की जन्म जयंती है। शहीद ए आज़म भगत सिंह और सुखदेव के साथ ये भी हंसते हंसते फांसी के फंदे पर झूल गए थे।
इनका जन्म 24 अगस्त वर्ष 1908 में पुणे के पास खेड़ ज़िले में हुआ था, अब इस ज़िले का नाम इन्ही के नाम पर राजगुरु नगर कर दिया गया है. इनकी जन्म जयंती के इस पावन अवसर पर आज मैं आपको उनके पैतृक निवास, जो की महाराष्ट्र के पुणे से मात्र 44 किलोमीटर की दूरी पर है , ले कर चल रहा हूँ.
मात्र 22 वर्ष की अल्पायु में माँ भारती के चरणों में अपने जीवन का बलिदान दे कर राजगुरु सदा सदा कर लिए हमारे दिलों में घर कर गए।
आइए इनके पैतृक निवास पर बने इस संग्रहालय के दर्शन करें और इस हुतात्मा को अपनी श्रधांजलि अर्पित करें. इनके पैतृक निवास का एक वीडियो भी बनाया है इसका लिंक यहां दे रहा हूँ।