देश की वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई

आज के उगते सूरज के साथ समय है नमन करने का देश की वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई को, आज उनकी जन्म जयंती है।

ऐसा कौन सा भारत वासी होगा जो भला झाँसी की रानी लक्ष्मी बाई के नाम से परिचित नहीं होगा, 1857 में अंग्रेजों के विरुद्ध हुई पहली क्रांति में रानी लक्ष्मी बाई जी का नाम बड़े ही आदर के साथ लिया जाता है. इनका जन्म आज के दिन यानि की 19 नवम्बर 1828 को वाराणसी के अस्सी इलाके के “गणेश वाडा” में हुआ था. आज मैं आपको इसी पवित्र तीर्थ स्थल के दर्शन करवाने ले कर चल रहा हूँ. मौका मिले तो कभी आप भी समय निकल कर अपने बच्चों को इस पवित्र भूमि पर नमन करने जाएं और आज की पीढ़ी को रानी लक्ष्मी बाई की वीरता के किस्सों से अवश्य अवगत करवाएं.इनके पिता का नाम मोरपंत और माता जी का नाम भागीरथी बाई था. इनका असली नाम मणिकर्णिका था और घर का नाम “मन्नू” था. 1842 में इनका विवाह झाँसी के राज घराने में महाराज गंगाधर राव से हो गया और फिर लक्ष्मी माता के नाम पर इनका नया नामकरण हुआ “रानी लक्ष्मी बाई”.

अंतिम साँस तक वो अंग्रजों के शासन को चुनौती देती रही और अंत: 18 जून 1858 को अपनी जन्म भूमि की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दे दिया.

इस वीरांगना को ऋणी राष्ट्र कि ओर से शत शत नमन।

जय हिन्द.

Leave a Reply